“कातिल बोले – मोबाइल, सिम और सबूत तो ले लिए, अब बचा क्या?”

Lee Chang (North East Expert)
Lee Chang (North East Expert)

मणिपुर के जिरीबाम नरसंहार (2024) मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक और आरोपी लालरोसांग हमार उर्फ रोसांग को गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ्तारी असम पुलिस और एनआईए की संयुक्त कार्रवाई का नतीजा है।

“थांगलियानलाल की तरह ही, रोसांग भी इस साजिश का मुख्य खिलाड़ी था,”
– एनआईए ने बयान में कहा।

क्या हुआ था 11 नवंबर 2024 को?

जिरीबाम ज़िले के बोरेबेकरा क्षेत्र में तीन महिलाओं और तीन बच्चों का अपहरण कर उनकी नृशंस हत्या की गई थी।

शवों को बराक नदी में फेंक दिया गया —
ये हत्या नहीं, इंसानियत की आंखों में तेजाब डालने जैसा कृत्य था।

फोन, सिम और सबूत – जांच जारी है

गिरफ्तारी के साथ एनआईए को आरोपी से मोबाइल और सिम कार्ड भी मिला है — जो कथित तौर पर साजिश रचने में इस्तेमाल हुआ। अब साजिश की कॉल-डिटेल से उगले जाएंगे राज़।

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साजिश की जड़ें कहां तक फैली हैं?

इससे पहले थांगलियानलाल हमार को आइजोल (मिज़ोरम) से पकड़ा गया था। जुलाई में ही मोइनाथोल और दिलखोश ग्रांट से भी दो आरोपी धरे गए थे। इससे साफ है कि ये सिर्फ एक जघन्य अपराध नहीं, पूर्वोत्तर में उग्रवाद की गहरी साजिश है।

सियासत नहीं, इंसाफ चाहिए

इस केस में अभी तक कई आरोपियों को पकड़ा जा चुका है, लेकिन सवाल ये है –  ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसका सिस्टम क्या करेगा?  पीड़ित परिवारों को इंसाफ कब मिलेगा?

कानून का डर तब ही काम करेगा जब गुनहगारों को सजा मिले – वरना अगला ‘रोसांग’ फिर मैदान में होगा।

“गुनहगार बोला – मैंने तो बस कॉल किया था, लाशें किसी और ने फेंकी थीं, फोन मेरा था पर प्लान ‘गूगल ड्राइव’ में था।”

कानून की जीत जरूरी है

एनआईए की तगड़ी कार्रवाई के बाद ये केस अब तेजी से न्याय की दिशा में बढ़ रहा है। लेकिन जब तक आखिरी गुनहगार सलाखों के पीछे नहीं जाता, बराक नदी की लहरें भी चुप नहीं होंगी।

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